प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता पर बढ़ रही विपक्ष की छटपटाहट

इतना ऊपर उड़ना भी ठीक नहीं कि जमीनी सच्चाई की उपेक्षा हो जाय  यह कहना है समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव का इसी के साथ  मुजफ्फरनगर में प्रवासी मजदूरों की सड़क हादसे में मौत पर गहरा दुख भी प्रकट किया है। इसके साथ ही उन्होंने भाजपा सरकार पर कटाक्ष करते हुए लिखा है कि 'इतना ऊपर उड़ना भी ठीक नहीं कि जमीन की सच्चाई की उपेक्षा हो जाय।


 वही कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केन्द्र सरकार के फैसलों ने ही पहले से आत्मनिर्भर मजदूरों को बेबस और लाचार बना दिया है। केन्द्र के फैसलों का ही नतीजा है कि लोग  अपने घरों की ओर भूखे-प्यासे पैदल ही निकल पड़े हैं।


 पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि प्रवासी श्रमिकों की मदद के लिए कांग्रेस पार्टी हमेशा उनके साथ खड़ी है। उन्होंने कहा कि ये श्रमिक देश की साधारण जनता मात्र नहीं बल्कि देश के स्वाभिमान का ध्वज हैं, कांग्रेस पार्टी इसे कभी झुकने नहीं देगी।


 किसी भी सरकार का विरोध होना चाहिए पर हर बात पर नही पर क्या काग्रेस की सरकार या सपा की सरकार ने सरकार मे रहते हुए कभी सोचा था कि ये मजदूर बाहर क्यो जाते है ? सरकार हाथ ने आने के बाद अपना परिवार ही दिखता है। यह लोग भूल जाते है कि देश या प्रदेश मे रोजगार के अवसर पैदा करे ताकि किसी को रोजगार के लिए दूसरे राज्यों मे न जाना पड़े और ऐसी विपदा के समय परेशानियों को सामना न करना पड़े ।


बताते चले कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सक्रियता और उनके प्रभाव ने राजनीतिक दलों की परेशानी बढ़ाई हुई है। कांग्रेस समेत बाकी पार्टियां इस असमंजस में हैं कि कोविड-19 के खतरे और देश में स्वास्थ्य आपातकाल की स्थिति देखते हुए वे अपने वजूद को चमकाने का कौन सा रास्ता चुने। कितना सरकार की हां में हां मिलाएं और कितना विरोध करें?  कई दलों में सरकार को रचनात्मक, सकारात्मक सहयोग देने की नीति से धीरे-धीरे बाहर आने की छटपटाहट बढ़ रही है।