एक तरफ कोरोना महामारी के दौरान मजदूर दो वक्त की रोटी और अपने घर पहुंचने की आस में रो रहा है, तो दूसरी तरफ कांग्रेस पार्टी उन मजदूरों की मदद करने के बजाय अपनी राजनीति चमकाने में लगी हैं। इस कठिन संकट के समय में भी प्रियंका गांधी वाड्रा सियासत करने से बाज नहीं आ रही है।
प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश सरकार को पत्र लिखकर एक हजार बसों की चलाने की अनुमति मांगी थी। सरकार ने बिना देर किए अनुमति भी दे दी। सूची मिली तो पता चला कि कांगेस महामंत्री प्रियंका गांधी वाड्रा बसों की जो सूची उप्र सरकार को सौंपी है, उनमें ट्रक, एंबुलेंस, डीसीएम, थ्री व्हीलर ऑटो जैसे वाहन शामिल हैं। सूची में 70 बसें ऐसी भी हैं, जिनके बारे में सरकारी रिकॉर्ड ही नहीं है।
कांग्रेस पार्टी को संकटकाल में लोगों की मदद करनी चाहिए, लेकिन वह मदद की बजाय लोगों की भावनाओं से खिलवाड़ कर रही है। कांग्रेस पार्टी खुद को क्या साबित करना चाहती है और सवाल ये भी है कि अगर बसों को भेजने का इतना ही मन था तो उत्तर प्रदेश से पहले इन बसों को मुंबई भेज देती जहां मजदूरों पर लाठी चार्ज की खबरे आ रही थी।
कांग्रेस राजस्थान, पंजाब और महाराष्ट्र में यूपी बिहार झारखंड के लोगों को बसें नहीं दे पा रही। वहां लोग पैदल चलने को मजबूर हैं। केवल सियासत करने के लिए इन्होंने उप्र सरकार से मजदूरों की मदद करने के लिए बसें उपलब्ध कराने और उनकी अनुमति की मांग की।
बताते चले कि उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पहले ही दिन से लोगों की सेवा में जुटे हुए है। प्रवासी कामगारों व श्रमिकों की सकुशल वापसी के लिए यूपी सरकार अब तक 900 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों से लगभग दस लाख से अधिक लोगों को सुरक्षित व सम्मानजनक तरीके से वापस ला चुकी है। इतना ही नहीं राज्य परिवहन की बसों से भी छह लाख से ज्यादा प्रवासी श्रमिक व कामगार अपने घरों तक सुरक्षित व सम्मानजनक तरीके से पहुंचाए गए है। राज्य परिवहन की 12 हजार बसें दिन रात लोगों की सेवा में दौड़ रही है, इतना ही नहीं हर जिलाधिकारी को अलग से दो-दो सौ बसें दी गई हैं।
ऐसे वक्त में जब राज्य सरकार पूरी ईमानदारी और समर्पण के साथ लोगों की सेवा कर रही है, सबकी निःशुल्क यात्रा के साथ ही साथ सबके रहने की और भोजन व भरण पोषण की व्यवस्था कर रही है तब प्रियंका वाड्रा व कांग्रेस पार्टी ने शासकीय कार्यों में व्यावधान उत्पन्न किया। यह शर्मनाक व निन्दनीय है।महामारी की मार झेल रहे कामगारों व श्रमिकों के साथ क्रूर मजाक किया है।
उत्तर प्रदेश और बिहार के श्रमिकों का लाखों की संख्या में महानगरों की ओर पलायन और विषम परिस्थितियों में घर पहुंचने की चिंता आजादी के बाद 60 वर्षों के कांग्रेस के कुशासन का परिणाम है। कांग्रेस इस महामारी के दौर में भी सेवाभाव नहीं दिखा रही, वह सिर्फ गरीबों के दर्द पर नमक छिड़ककर राजनीति कर रही है।